विवादास्पद डीआरएस के धुर विरोधी रहे बीसीसीआई कुछ बदलावों के साथ इस तकनीक का पहली बार इस साल इंडियन प्रीमियर लीग में उपयोग कर सकता है. आई...
विवादास्पद डीआरएस के धुर विरोधी रहे बीसीसीआई कुछ बदलावों के साथ इस तकनीक का पहली बार इस साल इंडियन प्रीमियर लीग में उपयोग कर सकता है. आईपीएल संचालन परिषद के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने आज यहां बैठक के बाद कहा, ‘‘आईपीएल में डीआरएस के उपयोग का प्रस्ताव है लेकिन इसमें LBW के लिए रेफरल शामिल नहीं होगा. हमने अभी इस पर केवल चर्चा शुरू की है. ’’
बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर जो आईसीसी के भी चेयरमैन हैं, ने LBW रेफरल को छोड़कर डीआरएस अपनाने के संकेत दिये थे. बीसीसीआई के रवैये में यह महत्वपूर्ण बदलाव है क्योंकि इससे पहले बोर्ड और उसके विश्व कप विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इस तकनीकी को लेकर कड़ा रवैया अपना रखा था.
धोनी डीआरएस का विरोध करते हुए हमेशा फुलप्रूफ प्रणाली की बात करते रहे. हालांकि डीआरएस नहीं होने के कारण टेस्ट और वनडे में कई फैसले भारत के खिलाफ गए जिससे बीसीसीआई अधिकारियों को इसकी जरूरत महसूस हुई. इस बीच विश्व टी20 चैंपियनशिप के दौरान विवादास्पद स्पाइडर कैम का उपयोग किया जाएगा. धोनी ने हाल में इसकी कड़ी आलोचना की थी.